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बदलाव.. एक क्रांति (वेब पत्रिका)
शुक्रवार, 6 नवंबर 2020
कवि एम. मीमांसा द्वारा 'चाँद' विषय पर रचना
चाँद से भी हसीं मैं बताता रहूँ
रातरानी तुझे मैं बुलाता रहूँ
गीत में तुम बसो अब मेरे इस कदर
उम्र भर मैं जिसे गुनगुनाता रहूँ
एम. 'मीमांसा'
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