बदलाव अंतर्राष्ट्रीय मंच
बदलाव.. एक क्रांति (वेब पत्रिका)
शनिवार, 17 अक्तूबर 2020
कवि निर्मल जैन नीर जी द्वारा रचना “खुले जब नयन"
खुले जब नयन....
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खुले
जब नयन
प्रभु राम के
हो जाये
दर्शन
•
खुले
जब नयन
मात पिता गुरू
का करूँ
वंदन
•
खुले
जब नयन
मातृ भूमि को
कर सदा
नमन
•
खुले
जब नयन
नवीन आशाओं का
हो स्वागत
वंदन
•
*******************
निर्मल जैन 'नीर'
ऋषभदेव/उदयपुर
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