बदलाव अंतर्राष्ट्रीय मंच
बदलाव.. एक क्रांति (वेब पत्रिका)
शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2020
कवि एम. "मीमांसा" जी द्वारा रचना
मनुजता छोड़ पशुता की, बढ़ी रफ़्तार यूपी में
मनुज के वेश में रहते, दनुज खूंखार यूपी में
ज़रा सोचो यहाँ कैसे, रहेंगी बेटियां सबकी
हदें हैवानियत की जब, करें नर पार यूपी में
एम. "मीमांसा"
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