नवरात्रि
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नवरात्रि मे माता
नित मैं शीश झुकाता
पूजा पाठ न जानू
भाव समझ पाता।।
कमी रही पूजन मे
माफी मैं मां चाहूं
अज्ञानी अबोध बाल
भाव हूं दिखाता।।
नित वंदन कर माता
तेरा आशिष पाता।।
कृपा दृष्टि यूं ही
रखना चाहता।।
वीना आडवानी
नागपुर, महाराष्ट्र
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