बदलाव अंतर्राष्ट्रीय मंच
बदलाव.. एक क्रांति (वेब पत्रिका)
सोमवार, 31 अगस्त 2020
कवि ब्रह्मानंद गर्ग सुजल जी द्वारा रचित 'मरहटा छंद'
।।मरहटा छंद।।
जय जय महादेव, देवाधिदेव, महेश्वर महाकाल।
जगतपति भूपाल, त्रिदेव त्रिकाल, शोभित चंद्र भाल।।
भोले शिव शंकर, देव दिगंबर, सदा काल विकराल।
'सुजल' तेरी शरण, देव दु:खहरण, काट सभी जंजाल।।
ब्रह्मानंद गर्ग सुजल
जैसलमेर, राजस्थान।
1 टिप्पणी:
ब्रह्मानंद गर्ग सुजल
31 अगस्त 2020 को 5:14 pm
धन्यवाद
जवाब दें
हटाएं
उत्तर
जवाब दें
टिप्पणी जोड़ें
ज़्यादा लोड करें...
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुखपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
धन्यवाद
जवाब देंहटाएं