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बदलाव.. एक क्रांति (वेब पत्रिका)
रविवार, 30 अगस्त 2020
कवयित्री एकता कुमारी जी द्वारा रचना
मेरी दुनियाँ में जब से तुम आए हो,
संग अपने खुशियो की तरंग लाए हो।
भटक रही थी मैं एक बंजारन बनकर,
अपनी आँखों से मेरी मंजिल दिखाए हो।
** एकता कुमारी **
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