बदलाव अंतर्राष्ट्रीय मंच
बदलाव.. एक क्रांति (वेब पत्रिका)
शुक्रवार, 21 अगस्त 2020
कवि नंदन मिश्र द्वारा रचित मुक्तक रचना
कोई बसी है दिल में जो हलचल मचा रही
वो गा रही है गीत मुझे पनघट बुला रही
आवाज जो आ रही इस कदर झनकते हुए
कैसे बताऊं दिल बेहाल बन गुनगुना रही
✍️ नंदन मिश्र ,, बिहार
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