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मंगलवार, 25 अगस्त 2020
कवि विशाल चतुर्वेदी "उमेश" जी द्वारा 'तोहमत' विषय पर रचना
तोहमत
अगर कोई साथ हो अपना ,
तूफानों में भी शमा जलती है ।
कसूर उनकी निगाहों का हॊता है ,
तोहमत हम पर लगती है ॥
विशाल चतुर्वेदी " उमेश "
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