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बदलाव.. एक क्रांति (वेब पत्रिका)
बुधवार, 15 जुलाई 2020
पेड़ लगाओ खूब रै, भोत पुन्य को काम।
पेड़ लगाओ खूब रै, भोत पुन्य को काम।
घर घर लागै पेड़ जै, हरा भरा हो गाम।
हरा भरा हो गाम, फेर आवै खुशहाली।
देवै सीली छाँव, हुवै सारै हरयाली।
कहै भारती सुणो, पेड़ ना काट बगाओ।
बरस रही बादली, गाम म्ह पेड़ लगाओ।
- भूपसिंह 'भारती'
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