अनाथ
हे भगवान इन सबके साथ तूने ऐसा क्यों किया
ये सब का सहारा था फिर भी तूने इसे छीन लिया।
उसका जरूरत था उनके उन बूढ़े मां बाप को
उसका जरूरत था उनके छोटे छोटे बच्चे को।
क्यों इनके परिवार की खुशियां देखा नहीं गया
पूरा परिवार इसके बिना अनाथ बेसहारा हो गया ।
इन सब ने कौन सी तुम्हारी खुशियां को लूट लिया
किस पुरानी दुश्मनी की सजा तूने इसको मौत दिया।
इसकी बीबी विधवा और इनके बच्चे अनाथ हो गए
सबके आंखों में आंसू और जीवन भर दर्द से भर गए।
किसके सहारे अब ये लोग हर त्योहार को मनाएंगे
इन सब के जिंदगी में अब तो सिर्फ वीरान है आएंगे।
सबके लिए ये ही तो खुशियां खरीद कर लाए होंगे
सबका न जाने कितने सपने ख्वाहिश अधूरे रह जाएंगे।
तूने मौत इसको दिया मगर पूरा परिवार ही मर गया
सबको मारना ही था तो सबकी जिंदगी ही क्यों दिया।
रूपक की अब एक ही प्रार्थना तुमसे है, हे भगवान
अगर ऐसे जिनको मारना है तो कभी जिंदगी मत देना ।
©रूपक
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